Rule for Three Cycle Chakardar
Rule for Three Cycle Chakardar will be discussed in this article. This type of chakardar was introduced by Punjab Gharana. We can make Chakardar by many ways using different calculations or layas but here we are explaning only the method in which we use 2 matra pause. For three cycle chakardar we have to less 1 from the total number of matras of the taal in which we want to play chakardar and what the answer will come is the number of the beats required for the one cycle or palla of the chakardar.
For example, if we want to play chakardar in Jhaptaal (10 Matra) we have to use 9 matra composition(Tihai included). When we play this 9 matra composition three times with the gap of 2 Matras it will complete in 31 Matras. Same as this we can make different chakardars for different Taals.
JHAPTAAL(10 MATRA)
EXAMPLE : DHATIDHAGE DHATIDHAGE | DHINAGINA DHA-DHATIDHAGEDHINA | GINADHA- DHATIDHAGE | DHINAGINA DHA--- 1 | 2 DHATIDHAGE | DHATIDHAGE DHINAGINA DHA-DHATI | DHAGEDHINAGINADHA- | DHATIDHAGE DHINAGINA DHA --- | 1 2 | DHATIDHAGEDHATIDHAGE DHINAGINA | DHA-DHATI DHAGEDHINA | GINADHA-DHATIDHAGE DHINAGINA | DHA
(Note:- Using this method you can check yourself while playing it. The first pause of 2 beats comes on the last beat of first cycle and on the first beat of the second cycle. The second 2 beats pause comes on the first two beats of the third cycle of the taal.)
You can arrange chakardar for 5 to 16 matra or beat with following calcculations :-
Rule for 5 Matra : 4 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 6 Matra : 5 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 7 Matra : 6 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 8 Matra : 7 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 9 Matra : 8 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 10 Matra : 9 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 11 Matra : 10 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 12 Matra : 11 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 13 Matra : 12 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 14 Matra : 13 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 15 Matra : 14 Matra composition with 2 matra pause.
Rule for 16 Matra : 15 Matra composition with 2 matra pause.
तीन आवर्तन का चक्रदार बनाने का नियम
यूं तो चक्रदार बनाने के कई नियम या तरीके होते है पर हम यहां केवल २-२ मात्रा के विराम काल वाले चक्रदार की चर्चा करेंगे | तीन आवर्तन के चक्रदार के लिए हम सबसे पहले ताल की कुल मात्रा संख्या में से १ घटाएंगे, ये प्राप्त संख्या हमारे चक्रदार का एक आवर्तन होगी | उदाहरण के लिए यदि हम झपताल (१० मात्रा) के लिए चक्रदार बना रहे हैं तो हमे ९ मात्रा की रचना प्रयोग करनी होगी | जब हम इस ९ मात्रा की तिहाईयुक्त रचना को तीन बार २-२ मात्रा काल के विश्राम के साथ बजायेंगे तो यह ३१ मात्राओं में बजने के बाद सम पर आएगा | ठीक इसी प्रकार हम अन्य तालों में भी चक्रदार बना सकते है |
झपताल(१० मात्रा)
उदाहरण : धातीधागे धातीधागे | धिनागिना धा-धाती धागेधिना | गिनाधा- धातीधागे| धिनागिना धा--- १ | २ धातीधागे | धातीधागे धिनागिना धा-धाती | धागेधिनागिनाधा- | धातीधागे धिनागिना धा--- | १ २ | धातीधागे धातीधागेधिनागिना | धा-धाती धागेधिना | गिनाधा- धातीधागे धिनागिना | धा
(नोट:- इस क्रम से चक्रदार बनाते समय पहला २ मात्रा का विश्राम पहले आवर्तन की अंतिम मात्रा पर और दुसरे आवर्तन की पहली मात्रा पर आएगा तथा दूसरा २ मात्रा का विश्राम तीसरे आवर्तन की पहली दो मात्राओं पर आयेगा, जिससे आप स्वयं ही चक्रदार की सही स्थान की पहचान कर सकते है |)
इस क्रम से चक्रदार बनाने के लिए ५ से १६ मात्रा के चक्रदार की गणना इस प्रकार होगी :-
५ मात्रा के लिए : ४ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
६ मात्रा के लिए : ५ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
७ मात्रा के लिए : ६ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
८ मात्रा के लिए : ७ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
९ मात्रा के लिए : ८ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
१० मात्रा के लिए : ९ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
११ मात्रा के लिए : १० मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
१२ मात्रा के लिए : ११ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
१३ मात्रा के लिए : १२ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
१४ मात्रा के लिए : १३ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
१५ मात्रा के लिए : १४ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
१६ मात्रा के लिए : १५ मात्रा का पल्ला और २ मात्रा का विश्राम |
So here we discussed about the topic "Rule for Three Cycle Chakardar". But we can make many chakardars by just adjusting the proportion of mukhda and tihai. We will soon upload some more chakardar rules. Till then practice this lesson and let us know how you feel for this article. Please mail us your suggestions on "info@soulofrythms.in" stating "Rule for Three Cycle Chakardar" in subject line.
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